वास्तु शास्त्र के 21 टिप्स करेंगे वास्तु दोषों को दूर

आज हम आपको अपनी इस post में वास्तु शास्त्र के 21 टिप्स करेंगे वास्तु दोषों को दूर इन topic पर discuss करने जा रहे हैं। और हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आएगी। और आप इसको आगे share भी करेंगे।

  1. घर में बना पूजा घर उत्तर पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है।
  2. और अगर किसी कारण से इस दिशा में पूजा घर बनना संभव नहीं हो रहा है तो उत्तर दिशा में पूजा घर बनाया जा सकता है।
  3. अपने घर के पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करना चाहिए क्योंकि घर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति का ध्यान उस तरीके से नहीं रखा जाता जिस तरीके से। इसीलिए छोटी मूर्तियां और चित्र ही पूजा घर में लगाना चाहिए। अपने घर के सीढ़ी के नीचे पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
  4. अपने घर के पूजा घर में फटे हुए चित्र या फिर खंडित मूर्ति बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए।
  5. आपके घर का पूजा पूजा घर और रसोई या फिर बेडरूम एक ही कमरे में नहीं होना चाहिए।
  6. घर के मालिक का कमरा दक्षिण पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए और अगर इस दिशा में संभव ना हो तो उत्तर पश्चिम दिशा हो सकती है।
  7. घर का गेस्ट रूम उत्तर पूर्व की ओर होना चाहिए और अगर उत्तर पूर्व में संभव ना हो तो उत्तर पश्चिम भी हो सकता है।
  8. उत्तर पूर्व में किसी का भी बेडरूम नहीं होना चाहिए।
  9. आपके घर की रसोई के लिए दक्षिण पूर्व दिशा सबसे अच्छी दिशा होती है।
  10. आपके घर का toilet और bathroom दक्षिण पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।
  11. आपके घर की सीढ़ी सामने की तरफ नहीं होना चाहिए और अगर है तो ऐसी जगह पर होना चाहिए कि घर में घुसने वाला इंसान को यह सामने नहीं दिखाई दे।
  12. आपके घर के सीढ़ी के पायदान ओं की संख्या 21, 23, 25 या इससे ज्यादा होना चाहिए।
  13. सीढ़ी के नीचे toilet, bathroom, kitchen पूजा घर ऐसी कोई भी चीज नहीं होना चाहिए।
  14. आप सीढ़ी के नीचे कोई भी उपयोगी सामान रख सकते हैं।
  15. घर में लगे हुए रेट में कोई भी खुला नहीं होना चाहिए उसमें पल्ले जरूर लगाने चाहिए।
  16. कमरे मे लगी लाइट पूर्व या फिर उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।
  17. घर के ज्यादातर कमरों की खिड़कियां और उनके दरवाजे उत्तर या फिर पूर्व दिशा में खुलने चाहिए।
  18. जंगली जानवरों के फोटो घर में बिल्कुल भी नहीं होने चाहिए।
  19. आप को अपने घर में पानी के फव्वारे भी नहीं लगाने चाहिए क्योंकि इससे धन नहीं ठहरता है।
  20. पूजा घर उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए और उसमें जल से भर कर एक कलश रखें।
  21. अपने घर के प्रवेश द्वार में ऊं या स्वास्तिक बनाएं और उसकी बड़ी आकृति लगाएं।
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