वास्तु में इन आठ दिशाओं का महत्व और जुड़े उपाय (Vastu mai in 8 dishao ka mahatv aur jude upaye)

आज हम आपको अपनी इस post में वास्तु दोष को शांत करने वाले मंत्र इन topic पर discuss करने जा रहे हैं। और हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आएगी। और आप इसको आगे share भी करेंगे।

पूर्व

सूर्य देव की दिशा होने की वजह से इस तरफ से positive ऊर्जा से भरी करने हमारे घर में सीधे अंदर आती हैं। इसकी वजह से घर के मालिक की age लंबी होती है और संतान हमेशा सुखी रहता है। और अगर घर के खिड़की और दरवाजे से इस दिशा में हो तो शुभ माना जाता है और बच्चों को भी इसी दिशा में पढ़ाई करनी चाहिए।

पश्चिम

आपके घर में इसी दिशा की जमीन या फिर फर्ज का तुलनात्मक रूप से ऊंचा होना आपकी सफलता के लिए बहुत ही ज्यादा शुभ है। और अगर आपका kitchen और toilet किस दिशा में हो तो यह बहुत ही बेहतर कहलाता है।

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उत्तर

आपके घर अगर आप का entrance door इस दिशा में है तो बहुत ही शुभ और लाभकारी होता है। और अगर घर खिड़की, दरवाजे, बालकनी और वाशबेसिन भी इसी दिशा में हो तो वह बहुत ही लाभदायक होता है।

दक्षिण

अगर आपने इस दिशा की जमीन पर कोई भी भारी समान रखा है तो आपके घर के सदस्य सुखी समृद्ध और निरोगी हो सकते हैं। और अगर आपके घर की अलमारी का locker इस दिशा में है तो वह बहुत बेहतर है। और इस दिशा में कोई शौचालय नहीं होना चाहिए।

उत्तर-पूर्व

यह दिशा “ईशान दिशा” के नाम से भी जानी जाती है क्योंकि यह दिशा जल की दिशा होती है और इस दिशा में बोरिंग, स्विमिंग पूल आदि होना चाहिए।

उत्तर- पश्चिम

इसे “ वायव्य दिशा” भी कहा जाता है और अगर आपके घर में नौकर है तो उसका कमरा भी इसी दिशा में होना चाहिए और अगर इस दिशा में आपका bedroom, garage है तो वह बहुत अच्छा है।

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दक्षिण-पूर्व

यह एक अग्नि की दिशा है और इसीलिए इसे आग्नेय दिशा भी कहा जाता है। इस दिशा में आपके घर के सभी सामान रख सकते हैं जैसे गैस, boiler, इनवर्टर आदि।

दक्षिण-पश्चिम

अगर आपको अपने जीवन में स्थित वे चाहिए तो घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से का वास्तु दोष करना जरूरी होता है क्योंकि इसी हिस्से में सबसे ज्यादा चुंबकीय ऊर्जा होती है। इसीलिए यह माना जाता है कि धन जेवरात अगर इस दिशा में रखें जाए तो सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

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