तुलसी विवाह पूजा में क्या करें क्या नहीं? सुहागिन महिलाओं को तुलसी मंजरी तोडना चाहिए या नहीं?

पंचांग यानि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह कराने की परंपरा रही है। ये तिथि इस साल 9 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन मां तुलसी का विवाह शालिग्राम से करवाया जाता है।

शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है। कार्तिक शुक्ल एकादशी को ही भगवान विष्णु के साथ सभी देवी देवता भी योग निद्रा से बाहर आते हैं। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है।

मान्यता है कि कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाने से अनंत पुण्य प्राप्त होता है। तुलसी को साक्षात लक्ष्मी का निवास माना जाता है इसलिए कहा जाता है कि जो भी इस मास में तुलसी के समक्ष दीप जलाता है उसे अत्यन्त लाभ होता है।

जानिए तुलसी विवाह क्यों और कैसे कराया जाता है…

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