देवउठनी एकादशी (Dev uthhni ekadashi) को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है | देव उठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं, ऐसा माना जाता है कि देव उठनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान (Lord vishhnu) अपनी 4 महीने की नींद पूरी कर के उठ जाते हैं और इस दिन से सभी मांगलिक कार्य होने शुरू हो जाते हैं जैसे विवाह नामकरण संस्कार मुंडन संस्कार आदि|→ » » Continue Reading
देवशयनी एकादशी का महत्व
1 जुलाई देव एकादशी 5 महीने तक सोयेंगे विष्णु, पीपल के सामने बोले महामंत्र हर मनोकामना पूर्ण होगी
5 महीने पाताल लोक में रहेंगे विष्णु, धरती संभालेंगे महादेव … जाने देवशयनी एकादशी पर क्या करें क्या न करें.. ऐसे करें पीपल का ये उपाय, हर प्रकार के कर्ज से मिलेगी मुक्ति, शीघ्र होगी मनोकामना पूरी
- एकादशी तिथि मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ- 30 जून शाम 7:49 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त – एक जुलाई शाम 5:29 बजे
- व्रत अनुष्ठान – उदयातिथि का मान होने से एक जुलाई को व्रत धारण किया जाएगा।
- व्रत परायण – दो जुलाई सुबह 5:27 बजे से 8:14 बजे के बीच।
- पूजा का समय दिनभर है। व्रती किसी समय भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
देवशयनी एकादशी व्रत व पूजा विधि (DEVSHAYANI EKADASHI VRAT PUJA VIDHI)
अधिकमास यानि मलमास भी है तो चार्तुमास की अवधि लगभक 5 माह की रहेगी. 24 एकादशी के स्थान पर 26 एकादशी होंगी। टोटल 148 दिनों का रहेगा चातुर्मास यानी 1 जुलाई से शुरू होकर 25 नवंबर को इस दिन → » » Continue Reading