हेलो फ्रेंड्स आज से कार्तिक मास शुरू हो गया है और कई सारे भक्त लोग कार्तिक मास के इस पावन महीने में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं |
कई सारे शुभ काम की शुरुआत भी इसी महीने से हो जाती है वैसे तो सारी शुभकामना होते हैं वह चतुर्मास के समाप्ति के बाद की जाते हैं, लेकिन हिंदू परंपरा में कार्तिक मास का एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान है जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि कार्तिक मास की शुरुआत होने पर शरद पूर्णिमा का काफी मान्यता है |
इस पूर्णिमा के दिन धरती पर अमृत की वर्षा होती है, इसी अमृत को चखने के लिए शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है | अगर आप भी इस शरद पूर्णिमा की रात खीर को खुले आसमान के नीचे रखना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और देखिए कि किस तरीके से हमें इस पावन कार्तिक मास की शरद पूर्णिमा का पालन करना है –
खीर बनाने की विधि –
आप यूट्यूब पर दे सकते हैं बहुत ही साधारण तरीके से आप खीर बना सकते हैं | खीर बनाने के लिए आपको चावल की जरूरत पड़ेगी, दूध की ,किसमिस की, बादाम की, इलाइची पाउडर |
खीर की विधि –
कैसे खीर बनाई जाती है वह आप इस वीडियो में देख सकते हैं –
शरद पूर्णिमा के क्या खाने के फायदे होते हैं
- मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति शरद पूर्णिमा की खीर खाता है तो
- अस्थमा रोगी जो होता है वह ठीक हो जाता है काफी फायदा पहुंचता है
- चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति को फायदा मिलता है
- आंखों से संबंधित होती हैं फायदा पहुंचता है
- मान्यता यह भी है कि चांद की रोशनी में अगर कोई सौ बार सुई को धागे के अंदर डालता है तो उसकी आंखों की रोशनी और बढ़ जाती है
- दिल की मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है
शरद पूर्णिमा की रात खीर रखने का समय
शरद पूर्णिमा की रात खीर (Sharad Purnima Kheer) बनाकर उसे आकाश के नीचे रखा जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय आकाश के नीचे खीर बनाकर रखी जाती है. इस खीर को 12 बजे के बाद खाया जाता है.
चंद्रोदय का समय: 13 अक्टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 26 मिनट.
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