हैलो दोस्तों! मैं प्रिय, 7 साल से एक एस्ट्रो ब्लॉगर हूँ, और आज हम एक बहुत खास सवाल पर बात करेंगे: “नवरात्रि के आखिरी दिन में हवन के बाद कन्या क्यों खिलाई जाती है?” ये एक रोचक और महत्वपूर्ण परंपरा है जो देवी दुर्गा की उपासना से जुड़ी है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
देवी दुर्गा की उपासना – Goddess Worship
नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। कन्याओं को देवी का प्रतीक माना जाता है और इसलिए हवन के बाद उन्हें भोजन कराया जाता है। इसे कन्या पूजन कहा जाता है, जो एक पवित्र कर्म है।
कन्या पूजन का महत्व – Importance of Kanya Pujan
कन्या पूजन का उद्देश्य कन्याओं में देवी की शक्ति को मान्यता देना है। माना जाता है कि कन्याओं के माध्यम से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
अगर कन्या न मिले तो क्या करें? – What if Kanya is Not Available?
अगर आपको कन्या पूजन के लिए कन्या नहीं मिलती, तो आप किसी गरीब या जरुरतमंद लड़की को भोजन करा सकते हैं। इससे भी आपको देवी का आशीर्वाद मिलता है।
कितनी कन्या को खिलाना चाहिए? – Number of Girls for Pujan
आमतौर पर 9 कन्याओं को खिलाया जाता है, लेकिन अगर पूरी संख्या नहीं हो, तो 1 या 2 कन्याओं को भी खिलाना मान्य है। मुख्य बात यह है कि श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा की जाए।
Kanya Pujan 2024 – Special Tips for This Year
अगर आप 2024 के नवरात्रि में कुछ नया और स्पेशल करना चाहते हैं, तो कन्याओं के साथ-साथ लड़कों को भी भोजन कराएं जिन्हें “लंगूर” कहा जाता है। यह भी एक शुभ कार्य माना जाता है।
Closing
तो दोस्तों, इस नवरात्रि अपने घर में कन्या पूजन जरूर करें और देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें। यह एक सुंदर और पवित्र परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है। आशा है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। वीडियो को ज़रूर देखें और इसे शेयर करना न भूलें!