गर्भावस्था किसी भी स्त्री के जीवन का सबसे अनमोल समय होता है गर्भवती स्त्रियों को विशेष खानपान दवाइयों और योग व्यायाम की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जाती है इस समय आप की हर गतिविधि का सीधा अगर आपके शिशु पर पड़ता है।
परंतु क्या आप जानते हैं कि मां के वातावरण व उसकी सोच का सीधा असर गर्भ मे पल रहे बच्चे पर होता है यदि आपका स्वभाव चिड़चिड़ापन गुस्सैल है तो उसे तुरंत छोड़ दें अपने वातावरण महसूस में सकारात्मकता लाए आप इसके लिए संगीत व योग का सहारा भी ले सकती हैं । यदि आपका व्यवहार व आपकी सोच नकारात्मक होती है तो इसका असर आप अपनी संतान के आचरण में देख सकते हैं ।
यदि आप गर्भावस्था में खुश रहती हैं तो आपका शरीर एक केमिकल का उत्पाद करता है जिसे एंडोक्राइनव कहा जाता है यह बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत अच्छा होता है ।
शिशु के सही विकास के लिए एक बहुत ही अद्भुत तरीका है कि आप उसके बारे में सोचें जी हां गर्भावस्था में मां को अपने गर्भ में पल रहे शिशु से संवाद स्थापित करने चाहिए तथा उसके बारे में सोचना चाहिए ।
आइए दोस्तों हम आपको बताते हैं कि मां को गर्भ में पल रहे शिशु के स्वस्थ विकास के लिए क्या सोचना चाहिए
1- बच्चे की ग्रोथ के बारे में सोचे , यह सोचे कि किस प्रकार आपका बच्चा दिन प्रतिदिन ग्रोथ कर रहा है उसका आकार किस तरह बदल रहा है मां की सकारात्मक सोच का असर बच्चे के विकास पर सीधा पड़ता है ।
2- मां को गर्भावस्था में बच्चे के स्वरूप के बारे में सोचना चाहिए यह सोचे की जन्म के बाद बच्चे का कैसा रूप देखना चाहेंगे ।
3- गर्भावस्था में बच्चे की आवाज को महसूस कीजिए आप मन में सोचे कि एक स्वस्थ बच्चे की आवाज किस प्रकार की होती है ।
4- बच्चे के स्वस्थ्य दिल की कल्पना करनी चाहिए यह बहुत ही अद्भुत समय होता है जब एक मां अपने भीतर अपने बच्चे की चल रही धड़कन को महसूस करती है।
5- गर्भ में पल रहे बच्चे के हाथ पैरों के चलने को महसूस करना चाहिए महसूस करें ।
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