मिर्गी की बीमारी अक्सर हमे मौत के मुह तक लाकर ही पीछा छोड़ती है। और यह अक्सर हमारी लापरवाही की वजह से ही होता है क्योंकि हमारे उटपटांग सोने की आदतों की वजह से यह हमारी शरीर मे प्रवेश करता है जिसकी वजह शायद हम भी नही जानते है।
आपको शायद इसके लक्षण के बारे मे भी नही पता होगा पर कोई बात नही इसके लक्षण हम आपको बताते है। अगर आपको सोते समय जीभ कटकाटने लगे और अचानक से पैर ऐंठने लगे तो इस बात को समझना बिल्कुल आसान है कि आप मिर्गी के शिकार हो चुके हो। आप इन लक्षणों को बिल्कुल भी नज़र अंदाज ना करे। क्योंकि यही सब लक्षण मिर्गी का कारण होता है।
इन सब बीमारियों को नज़र अंदाज ना करे हो सके तो इसका समय पर ही इलाज कर ले नही तो यह आगे चल के बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर देता है। हर बार 18 अक्टूबर को मिर्गी दिवस मनाया जाता है। और इसके कार्यक्रम को प्रोत्साहन दिया जाता है ताकि इससे लोग जागरूक बन सके। हमारे कुछ डॉक्टरों का कहना है कि अगर हम मिर्गी के लक्षणों को समझ जाये तो इसके इलाज मे बिल्कुल भी लापरवाही ना करे।
क्योंकि 70% लोगों ने समय पर इलाज कर इस बीमारी से निजात पाया है। डॉक्टर अमरजीत का कहना है कि हमारे देश मे मिर्गी की बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय मे कुल एक करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हुए है। और इनकी संख्या दिन बा दिन सिर्फ बढ़ती जा रही है कम होने का तो नाम ही नही ले रही है।
अगर सर्वे के मुताबिक देखा जाये तो हर सौ मे से 1 व्यक्ति मिर्गी का मिल ही जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इसका इलाज सिर्फ झाड़-फूंक से ही किया जा सकता है। हम आपको बता दे कि जब दौरा पड़ता है मिर्गी का तो उस व्यक्ति को करवट लिटा देते है क्योंकि इससे दौरे की दौरान दिमाग मे औक्सीजन की कमी हो जाती है। मिर्गी का इलाज आप घरेलू दवाओं और शिल्प दवाओं के द्वारा भी कर सकते है।
आपको इसका इलाज लगातार करना जरूरी होता है क्योंकि यह आपको कभी कभी तीन से पांच साल तक भी करनी पड़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि मिर्गी का इलाज आप 2 3 साल लगातार करा लेते है तो आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जाओगे। यह केवल 70% रोगियों के लिए ही सम्भव हो पाता है बाकी के 30% रोगियों को बिना ओपरेशन के आराम नही मिलता है।
कुछ लोग ऐसे होते है जो मिर्गी के दौरे पर रोगियों को गंदे जूते या मोजे सूंघते है पर ऐसा करना नही चाहिए। क्योंकि इससे उनके शरीर मे कीटाणु प्रवेश कर जाता है। वैसे तो मिर्गी का दौरा कुछ सेकंड के बाद खुद बा खुद चला जाता है। हमे इन कीटनाशक जूते और मोजे से उन्हें बचाना चाहिए।
किसी भी घरेलू नुस्खे या उपचार को प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या चिकित्सक से सलाह मशवरा अवश्य दें यहां पर उपलब्ध आर्टिकल्स केवल जानकारी के लिए हैं |