लू लगने से शरीर का तापमान एकदम बढ़ जाता है शरीर में पानी और नमक की ज्यादा कमी होने पर लू लगती है । ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली हवाओं में निकालने से अक्सर हमें लू लगने का खतरा रहता है |
भारतवर्ष में हर साल ग्रीष्म ऋतु में कई मौतें लू लगने के कारण हो जाती है जब शरीर का थर्मोस्टेट सिस्टम यानी शरीर का तापमान कंट्रोल करने वाला सिस्टम शरीर को ठंडा करने में नाकाम हो जाता है तो शरीर में गर्मी बढ़ जाती है ऐसे में लू लगने की संभावना अधिक होती है ।
लू लगने से शरीर में गर्मी खुश्की थकावट महसूस होने लगती है शरीर टूटने लगता है प्यास बढ़ जाती है कई बार तो बुखार भी बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर भी लो हो जाता है सोडियम पोटेशियम का लेवल बैलेंस बिगड़ जाता है, ऐसी स्थिति में बेहोशी भी आ सकती है ब्रेन या हार्ट स्ट्रोक की स्थिति भी बन सकती है |
इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे –
- नंगे पैर शरीर धूप में बिल्कुल न जाएं पूरे व ढीले कपड़े पहन कर ही बाहर निकलें
- टाइट व गहरे रंग के कपडे पहन कर ही बाहर निकले
- सूती कपडे पहने
- ज्यादा देर भूखे न रहे
- खाली पेट बाहर न जायें
- पसीना आने पर ठंडा पानी न पिये
- बाजार से कटे हुए फल न ले
- चावल जौं का पानी केला छाछ दही लस्सी आदि ले
- लौकी के रस का सेवन करे
- मौसमी संतरा और शरीफा खरबूजा तरबूजा खीरा ककड़ी आदि का सेवन करें
- सौंफ इलायची कच्चा प्याज आंवला धनिया पुदीना और हरी मिर्च आदि को अपने भोजन में सम्मिलित करें
- ठंडाई आम पन्ना शिकंजी लस्सी नारियल पानी आदि को अपने दैनिक आहार में जरूर सम्मिलित करें
- -लू लगने पर सबसे पहले मरीज को ठंडी व छायादार जगह पर बिठाए कपड़े ढीले कर दे व उसे पानी पिलाये
- -हाथ पैरों को रंगडे पानी पिलाते रहे
- -गुलाब जल में रुई को भिगोकर आंखों पर रखे
- -नमक व चीनी का घोल मिलाकर पिलाएं
- -लू लगने वाले व्यक्ति के माथे पर चंदन का लेप का प्रयोग भी कर सकते हैं
- -बेल का शरबत पिलाएं
- -बाहर के खाने का परहेज रखें
- -नींबू पानी व इलेक्ट्रॉल ही पिए
- -लू लगने पर व्यक्ति को सौंफ के रस का सेवन करना चाहिए
- -पानी में दो बूंद पुदीने का रस में दो चम्मच ग्लूकोज पाउडर मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए
- -नीम का पंचांग लेकर उसके 10 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम मिश्री मिलाकर एक 1 घंटे बाद पानी से दें
- -ताजे प्याज के रस को छाती पर मलने से भी लू का असर कम होता है
- -आंवले का चूर्ण 1 ग्राम में मिठा सोडा आधा ग्राम और तीन मिश्री को सौंफ के रस के साथ मरीज को देना चाहिए
- -पुदीने के 30 40 पत्ते लेकर 2 ग्राम जीरा और दो लोंग को पीसकर आधे गिलास पानी में मिलाकर मरीज को हर 4 घंटे बाद पिलाएं
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