Karwa Chauth kab hai 2023: Vrat Date, Katha, Puja Vidhi, and More – करवा चौथ कब है, कहानी कथा पूजा 2023

नमस्ते दोस्तों! आपका स्वागत है आपके पसंदीदा ब्लॉग पर। आज हम एक खास व्रत के बारे में चर्चा करेंगे – करवा चौथ! क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ व्रत कब है, इसकी कहानी क्या है, और कैसे किया जाता है इसका उद्यापन? अगर नहीं, तो फिक्र न करें, हम आपको सबकुछ बताएंगे।

करवा चौथ व्रत का दिन व मुहूर्त कब है? (Karva Chauth Date Muhurat In India)

Karwa Chauth kab hai 2023

वर्ष 2023 मे करवा चौथ का दिन, तारीख तथा महुरत (Karwa Chauth Vrat): इस साल 2023 मे करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर के दिन है. इस दिन पूजन का महुरत 17:36 से 18:54 तक कुल 1 घंटा 18 मिनिट का है.

करवा चौथ के दिन चाँद निकलने का समय शाम 7:54 का है.

करवा चौथ व्रत कब है 2023  1 नवंबर, 2023
करवा चौथ कब मनाया जाता है कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी
किसकी पूजा की जाती है भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिक
पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 54 मिनट तक
चाँद निकलने का समय रात 7 बजकर 54 मिनट

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि (Karva Chauth Vrat Pooja Vidhi):

अब हम आपको बताएंगे करवा चौथ के व्रत की पूजा कैसे करें।

  • करवा चौथ की सामग्री (Karva Chauth Puja Items): इस पूजा के लिए आपको एक करवा (करवा चौथ का मुखवास) की आवश्यकता होती है, इसके साथ ही सिन्दूर, मेहंदी, चांदनी, और कुछ मिठाई भी रखनी चाहिए।
  • पूजा विधि (Puja Vidhi):
    1. सुबह संगीत और भजनों के साथ उठें।
    2. पूजा स्थल को सजाएं और करवा को तैयार करें।
    3. सबसे पहले, चाँद की पूजा करें और फिर पति की पूजा करें।
    4. फिर, पूजा विधि के अनुसार करवा चौथ की पूजा करें।
    5. पति के प्राणाम लें और प्रसाद बांटें।
  • उपवास (Fasting): इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, जिसमें वे सूर्यास्त के बाद ही पानी पी सकती हैं।
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करवा चौथ व्रत की कहानी या कथा (Karva Chauth Vrat Katha):

करवा चौथ के व्रत की कहानी भी बहुत महत्वपूर्ण है।

जब कोई महिला करवा चौथ व्रत करती है, तो वह इस व्रत के दौरान कथा सुनती है। व्रत के दौरान कथा सुनने की यह प्रथा बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है। इस व्रत की कथा या कहानी जो कि सुहागन महिलाओं द्वारा सुनी जाती है, वह इस रूप में है:
एक नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के और एक लड़की थी। कार्तिक महीने में, जब कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आई, तो साहूकार के परिवार की महिलाएं भी करवा चौथ व्रत रखी। जब रात के समय साहूकार के बेटे भोजन करने बैठे, तो उन्होंने साहूकार की बेटी (अपनी बहन) को भी साथ में भोजन करने के लिए कहा। भाइयों के द्वारा भोजन कराने की प्रार्थना पर उनकी बहन ने जवाब दिया कि आज मेरा व्रत है, मैं चाँद के निकलने के बाद पूजा करके ही भोजन करूंगी। भाइयों के द्वारा उनकी बहन के मुर्झाये हुए चेहरे को देखा गया, और उन्होंने अपनी बहन को भोजन कराने के लिए प्रयास किया। उन्होंने घर के बाहर जाकर अग्नि जला दी।
जब वह अग्नि के प्रकाश को अपनी बहन को दिखाते हुए कहा कि देखो, बहन, चाँद निकल आया है, तुम चाँद को अर्घ्य देकर और अपनी पूजा करके भोजन कर लो, तो बहन ने अपनी भाभीओं के पास जाकर कहा। भाभी, चाँद निकल आया है, चलो पूजा कर लें। परंतु उसकी भाभी अपने पतियों द्वारा किए गए योजना को जानती थी। उन्होंने अपनी ननद को भी इस बारे में बताया और कहा कि आप भी इनकी बात पर विश्वास न करें। परंतु बहन ने अपनी भाभीओं की बातों पर ध्यान न देते हुए पूजा समाप्त कर भोजन किया। इस तरह उसका व्रत टूट गया और गणेश जी उससे नाराज हो गए।
इसके तुरंत बाद, उसके पति बीमार हो गए और घर का सारा पैसा और धन उसके पति की बीमारी में खर्च हो गया। अब, जब साहूकार की बेटी को उसके द्वारा किए गए गलत व्रत का पता चला, तो उसे बहुत दुख हुआ। उसने अपनी गलती पर पश्चाताप किया। अब उसने पुनः पूरी विधि से व्रत का पूजन किया और गणेश जी की पूजा की।
इस बार उसके व्रत और श्रद्धा भक्ति को देखकर भगवान गणेश खुश हुए। उसके पति को जीवन दान दिया और उसके परिवार को धन और संपत्ति प्रदान की। इस प्रकार, जो भी श्रद्धा और भक्ति से करवा चौथ व्रत करता है, वह सभी सांसारिक कष्टों से मुक्त होकर खुशी-खुशी अपने जीवन का आनंद उठाता है।

करवा चौथ व्रत उद्यापन विधि (Karwa Chauth Vrat Udyapan Vidhi):

करवा चौथ का उद्यापन व्रत के अंत में किया जाता है और इसके बाद महिलाएं उपवास तोड़ती हैं। यह उद्यापन विधि काफी आसान होती है।

  • पूजा (Puja): पूजा करने के लिए फिर से करवा, सिन्दूर, मेहंदी, चांदनी, और मिठाई की आवश्यकता होती है।
  • पूजा का विधान (Puja Procedure): पूजा का विधान व्रत की शुरुआत के समय की तरह ही होता है।
  • प्राणाम (Pranam): पति के प्रति फिर से प्राणाम करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
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करवा चौथ पर महिलाओ द्वारा किया गया श्रंगार (Karva Chauth Makeup):

करवा चौथ का महत्वपूर्ण हिस्सा है महिलाओं का श्रंगार। यह एक खास तरीका होता है जिसमें महिलाएं अपने पतियों के लिए सुंदर बनती हैं।

  • मेहंदी (Mehendi): मेहंदी लगाना करवा चौथ का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक होता है।
  • अलंकरण (Adornments): महिलाएं विशेष तरीके से अलंकरित होती हैं, जैसे कि चूड़ियां, कान की बालियां, और सिन्दूर।
  • वस्त्र (Attire): व्रत के दिन महिलाएं सुंदर साड़ियाँ पहनती हैं और पतियों के लिए तैयार होती हैं।

Did You Know: क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ का पर्व पहले सिर्फ उत्तर भारत में मनाया जाता था, लेकिन अब यह पूरे भारत में मनाया जाता है? यह पर्व पतिपरमेश्वर की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करने का एक अद्वितीय तरीका है।

करवा चौथ व्रत के संदर्भ में गाने (Songs)

इस व्रत के मौके पर कई खास गाने गाए जाते हैं, जो इसके महत्व को और भी बढ़ा देते हैं। यहां कुछ लोकप्रिय करवा चौथ गाने हैं:

  1. “मेरे हैं दो यारों व्रत के दिन” – यह गाना इस खास दिन की महत्वपूर्णी भूमिका को दर्शाता है।
  2. “बोल राधा बोल संग लो चौथ की रात” – इस गाने में राधा कृष्ण की प्रेम कहानी का संदेश होता है।
  3. “करवा चौथ का ये दिन” – यह गाना इस पर्व के अद्वितीय माहौल को प्रस्तुत करता है।
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Conclusion (निष्कर्षण):

करवा चौथ एक खास पर्व है जो पतिपरमेश्वर के लिए महिलाओं की श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। यह एक दिन है जब पत्नियाँ अपने पतियों के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं।

इस व्रत का पालन करने से महिलाएं अपने परिवार के साथ और भी आपसी सम्बंध बढ़ा सकती हैं और प्यार और समर्पण की भावना को मजबूत कर सकती हैं।

आपको करवा चौथ के इस पावन मौके पर ढेर सारी शुभकामनाएं! इस पर्व को आप अपने प्यारे पति के साथ खुशियों के साथ मनाएं।

FAQs –

  1. करवा चौथ क्यों मनाया जाता है?
    • करवा चौथ महिलाओं के पतियों की लंबी आयु की प्रार्थना के लिए मनाया जाता है और इसके साथ ही प्यार और समर्पण की भावना को मजबूत किया जाता है।
  2. करवा चौथ के व्रत में क्या खाया जा सकता है?
    • करवा चौथ के व्रत में व्रती महिलाएं सूर्यास्त के बाद एक बार ही खाने की अनुमति प्राप्त करती हैं, और वो भोजन करने से पहले पति का प्राणाम लेती हैं।
  3. करवा चौथ की पूजा में कौन-कौन सी चीजें चाहिए?
    • करवा चौथ की पूजा के लिए आपको करवा, सिन्दूर, मेहंदी, चांदनी, और मिठाई की आवश्यकता होती है।
  4. क्या करवा चौथ का उद्यापन कैसे किया जाता है?
    • करवा चौथ का उद्यापन व्रत के अंत में किया जाता है, जिसके बाद महिलाएं उपवास तोड़ती हैं, और इसके बाद पूजा सामग्री के साथ पूजा की जाती है।

आपके दोस्तों और परिवार के साथ करवा चौथ का जश्न मनाने के लिए इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर करें और अन्य लोगों को भी इस खास पर्व के बारे में जानकारी प्राप्त करने का मौका दें। शुभकामनाएं!