Kartik Purnima, 12 नवम्बर 2019 कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये चमत्कारी उपाय, दूर होंगी भाग्य की बाधाएं

कार्तिक पूर्णिमा या किसी भी पूर्णिमा पर आप इन उपायों को कर सकते हैं यह भाग्य में आ रही बाधा जीवन की प्रगति में आ रही बाधा को दूर करने वाले उपाय हैं जिन्हें पूर्णिमा की तिथि में किया जा सकता है ।

कार्तिक पूर्णिमा पर जरुर करें ये उपाय

  • कार्तिक पूर्णिमा में जातक को नदी या अपने स्नान करने वाले जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर के स्नान करना चाहिए
  • आपको भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करना चाहिए ।
  • पूर्णिमा यानी चंद्रमा की पूर्ण अवस्था पूर्णिमा के दिन से जो किरणे पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से जो किरणें निकलती हैं काफी सकारात्मक जानी पॉजिटिव होती है और सीधे दिमाग पर प्रभाव डालती है । चंद्रमा पृथ्वी की सबसे अधिक नजदीक है इसलिए पृथ्वी पर सबसे ज्यादा प्रभाव चंद्रमा का ही पड़ता है ।
  • कार्तिक माह की पूर्णिमा स्नान दान के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है, दिन उपवास रखकर के एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए ।
  • दूध, केला, खजूर ,नारियल, अमरूद आदि फलों का दान करना स्थिति में बहुत विशेष महत्व रखता है |
  • ब्राह्मण बहन का आदि को कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।
  • प्रातः 5:00 से 10:30 तक मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता,  सुबह 5:00 बजे से लेकर के शुभ दोपहर गया सुबह ही मान लीजिए 10:30 तक जो है माल पीपल के पेड़ पर निवास करती हैं जो भी जातक ऐसा करता है  उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं ।
  • कार्तिक पूर्णिमा को गरीबों को चावल दान करने से चंद्र ग्रह के शुभ फल प्राप्त किए जा सकते अगर कुंडली में चंद्र दोष हो तो आप कोई उपाय जरूर करना चाहिए तो आप कोई उपाय जरूर करना चाहिए । शिवलिंग पर कच्चा दूध शहद और गंगाजल मिलाकर के चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं ।
  • कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण अवश्य बांधना चाहिए ।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन खीर में मिश्री और गंगाजल मिलाकर के मां लक्ष्मी को भोग लगाकर के प्रसाद का वितरण करना चाहिए ।
Also Read:  नवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए |

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

  • इस दिन स्नान और दान करने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है । त्रिपुरी पूर्णिमा गंगा स्नान नाम से भी प्रचलित तिथि होती है क्योंकि इसी तिथि पर भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था
  • इस दिन भगवान शंकर के दर्शन मात्र से ही पुण्य प्राप्त होता है
  • पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में धर्म की रक्षा के लिए एवं सृष्टि की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था ।
  • आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से भगवान विष्णु चार मास के लिए योग निद्रा में लीन होकर के कार्तिक एकादशी को पुनः होते हैं जिसे हम देवोत्थान एकादशी के नाम से जानते हैं और पूर्णिमा से संसार के पालन का कार्य पुनः जो है वह संभालने लगते हैं अनेक कार्य करने लगते हैं
Also Read:  बैसाखी कब है 2023,महत्त्व त्यौहार पर निबंध | Baisakhi or Vaisakhi Festival History and Importance in Hindi

आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक बधाई और शुभकामना, मैं उम्मीद करती हूं कि कार्तिक पूर्णिमा  वाला यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा कृपया इसको सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें यदि आप कुछ प्रश्न करना चाहते हैं तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स पर या हमें फेसबुक पर मैसेज करके भी पूछ सकते हैं।