दोस्तो तुलसी का पौधा प्राय: सभी घरों में पाया जाने वाला पौधा है । हिंदू धर्म में तो तुलसीे को विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है । इसके अलावा तुलसी हजारों गुणों से भरपूर औषधि है । तुलसी की तासीर हल्की गर्म होती है तुलसी का स्वाद तीखा व कटु होता है ।
वैज्ञानिकों द्वारा तुलसी का रासायनिक विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इसके बीजों में हरे और पीले रंग का एक स्थिर तेल 17.8 % की मात्रा में होता है , इसके अतिरिक्त इसके बीजों से निकलने वाले स्थिर तेल में कुछ सीटोस्टेराल , स्टीयरिक , लीनोलक और ओलिक वसा अम्ल भी होते हैं । इसमें ग्लाइकोसाइड , टैनिन , टैनिन और एल्केलाइडस भी होते हैं ।
वैसे तो तुलसी की अनेक जातियां होती है परंतु साधारणता औषधि के लिए हमेशा सुलभ और पवित्र तुलसी का ही प्रयोग किया जाता है । औषधियों के रूप में प्रयोग होने वाली तुलसी दो प्रकार की होती है –
- हरी पत्तियों वाली सफेद तुलसी, और काले पत्तियों वाली काली तुलसी
- हरी तुलसी की अपेक्षा काली तुलसी को अधिक लाभकारी माना जाता है । ऐसा माना जाता है कि काली तुलसी के सेवन से कफ नष्ट हो जाता है।
- हरी तुलसी के प्रयोग से बुखार को नियंत्रित किया जा सकता है ।
आइये दोस्तो आपको तुलसी से होने वाले कुछ फायदो से अवगत कराते हैं –
1- दमा के रोग में तुलसी का रस शहद अदरक व प्याज के रस में मिलाकर सेवन करना चाहिए । आप चाहें तो तुलसी के पत्ते और काली मिर्च बराबर मात्रा में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं ।
2- यदि 1 साल से अधिक आयु वाले बच्चे को दमा रोग हो तो उसे ठीक करने के लिए तुलसी के पांच पत्ते को बारीक पीसकर शहद के साथ चटाना चाहिए । इसका उपयोग प्रतिदिन सुबह शाम ३-४ हफ्ते तक करने से बच्चे में दमा रोग ठीक हो जाता है ।
3- तुलसी और चमेली के पत्तों को एक साथ चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं । आप चाहे तो प्रतिदिन सुबह शाम तुलसी के चार पांच पत्तों को चबाये व ऊपर से पानी पी लें ऐसा करने से मुंह के छाले व दुर्गंध दूर हो जाती है ।
4- तुलसी के पत्तों का रस और नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर दाद खाज चेहरे झाइयां कील मुंहासे अन्य त्वचा रोगों पर लगाने से रोग तुरंत ठीक हो जाते हैं
5- नारियल के तेल में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर जले हुए अंगों पर लगाने से जलन व दर्द शांत हो जाता है और फफोले भी नहीं पडते हैं । इसे छाले व घाव पर भी लगाया जा सकता है ।
6- 1 साल से कम आयु वाले बच्चे को दमा रोग होने पर तुलसी के पत्तों को दो बूंद शहद में मिलाकर दिन में दो बार चटाना चाहिए |
7- तुलसी के पत्ते और काली मिर्च समान मात्रा में पीसकर छोटी छोटी गोलियां बनाकर रख ले व एक एक गोली दिन में 4 बार लेने से काली खांसी नष्ट हो जाती है
8- तुलसी के चार पांच पत्तों को पानी में उबालकर गरारे करने से गले का दर्द ठीक हो जाता है और टॉन्सिल की सूजन भी दूर हो जाती है ।
9- तुलसी की एक चुटकी मंजरी को पीसकर शहद के चाटने से टॉन्सिल ठीक हो जाते हैं व गला खुल जाता है।
10- तुलसी के पत्ते नागर मोथा और नागर बेल के पत्तों को पानी में पीसकर पीने से गले में होने वाली गांठ हो जाते हैं ।
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