नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे दिवाली के बारे में। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। इसे “दीपावली” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपों का त्योहार”। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त
दिवाली के दिन सुबह 6:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
दिवाली
दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ थे। अयोध्या के लोगों ने उनकी वापसी का जश्न मनाया। वे घरों को रोशनी से सजाते थे और आतिशबाजी करते थे।
दिवाली का त्योहार धन और समृद्धि का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे नए सामान खरीदते हैं और मिठाई बांटते हैं।
दिवाली की परंपराएं
दिवाली के दिन लोग कई परंपराओं को निभाते हैं। इनमें से कुछ परंपराएं इस प्रकार हैं:
- घरों को रोशनी से सजाना: दिवाली का त्योहार प्रकाश का त्योहार है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं।
- आतिशबाजी करना: दिवाली के दिन लोग आतिशबाजी करते हैं। आतिशबाजी से आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है और खुशी का माहौल बन जाता है।
- भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की पूजा करना: दिवाली के दिन लोग भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की पूजा करते हैं। यह पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- मिठाई बांटना: दिवाली के दिन लोग अपने मित्रों, परिवार और पड़ोसियों को मिठाई बांटते हैं। यह एक तरह से खुशियां बांटने का तरीका है।
- नए कपड़े पहनना: दिवाली के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं। यह एक तरह से नई शुरुआत का प्रतीक है।
- नए सामान खरीदना: दिवाली के दिन लोग नए सामान खरीदते हैं। यह एक तरह से धन और समृद्धि की कामना का प्रतीक है।
दिवाली का महत्व
दिवाली का त्योहार भारत के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है। दिवाली का त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और नई शुरुआत का संदेश देता है।
दिवाली का त्योहार और समाज
दिवाली का त्योहार केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक त्योहार भी है। इस दिन लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, गले मिलते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। दिवाली का त्योहार हमें समाजसेवा का संदेश भी देता है। इस दिन हम गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।
दिवाली के त्योहार पर हम अपने घरों को साफ करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। यह एक तरह से नई शुरुआत का प्रतीक है। हम अपने अतीत को पीछे छोड़कर नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं।
दिवाली का त्योहार हमें खुशी और उत्साह देता है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और नई शुरुआत का संदेश देता है। आइए हम सब मिलकर दिवाली का त्योहार मनाएँ और दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटेँ।
दिवाली का त्योहार और पर्यावरण
दिवाली का त्योहार प्रकाश का त्योहार है। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं। हालांकि, दिवाली के त्योहार पर आतिशबाजी करने से पर्यावरण को नुकसान होता है। आतिशबाजी से प्रदूषण बढ़ता है और हवा और पानी की गुणवत्ता खराब होती है।
इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम दिवाली का त्योहार पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं। हम आतिशबाजी करने से बच सकते हैं या हरित आतिशबाजी का प्रयोग कर सकते हैं। हम अपने घरों को सजाने के लिए दीयों और मोमबत्तियों का उपयोग कर सकते हैं। हम रंगोली बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर सकते हैं।
दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली पर निबंध 10 लाइन
- दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है।
- इसे “दीपावली” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपों का त्योहार”।
- यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
- दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- इस दिन लोग घरों को रोशनी से सजाते हैं और आतिशबाजी करते हैं।
- वे भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की पूजा करते हैं।
- मिठाई बांटते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।
- यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है।
- दिवाली के दिन लोग आतिशबाजी करते हैं। आतिशबाजी से आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है और खुशी का माहौल बन जाता है।
- दिवाली के दिन लोग भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की पूजा करते हैं। यह पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
निष्कर्ष
दिवाली का त्योहार एक खुशी का त्योहार है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और नई शुरुआत का संदेश देता है। आइए हम सब मिलकर दिवाली का त्योहार मनाएँ और दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटेँ। साथ ही, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम दिवाली का त्योहार पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं।