थायराइड के इलाज, लक्षण और कारण

थायराइड गले की ग्रंथि है जिसमें टॉक्सिन हार्मोन बनता है। इस हार्मोन का संतुलन जब बिगड़ने लगता है तब यह थायराइडएक रोग बन जाता है । यह हारमोंस जब कम हो जाते हैं तब शरीर का मेटाबॉलिज्म काफी तेज होने लगता है और शरीर की ऊर्जा भी जल्दी खत्म हो जाती है और जब यह हारमोंस अधिक हो जाएं तो मेटाबॉलिज्म रेट काफी धीरे होने लगता है जिस वजह से शरीर में उर्जा कम बनती है और सुस्ती थकान बढ़ने लगती है ।

आज के समय में थायराइड मनुष्यों के लिए बेहद गंभीर रोग बन गया है।  इस रोग के कारण व्यक्ति का वजन या तो घट जाता है या फिर बढ़ जाता है,  इसके अलावा और भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि

  • जल्दी थक जाना
  • सांस फूल जाना
  • ताकत में कमी आ जाना
  • दिल की बीमारी होना
  • बालों का झड़ना
  • आंखों में खराबी होना 

ऐसा जरुरी नहीं है कि हर थायराइड के मरीज के अंदर यह समस्याएं पाई जाएं । थायराइड जैसी बीमारियों को आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता । डॉक्टर के द्वारा लिए जाने वाले इलाज से भी इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता ।

थायराइड जैसी बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए हमें दवाइयों के साथ-साथ कुछ आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे भी अपनाने चाहिए।

पहले हम थायराइड के लक्षण के को जाने

  • वजन बढ़ना
  • कब्ज रहना
  • भूख कम लगना
  • ठंड ज्यादा लगना
  • आवाज में भारीपन आना
  • आंखों और चेहरे पर सूजन
  • सिर गर्दन और जोड़ों में दर्द होना
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यह सभी लक्षण थायराइड को दर्शाते है । आयुर्वेदिक चिकित्सा द्वारा इस रोग का निवारण भलीभांति प्रकार से किया जा सकता है  ।

निवारण – हम अपने ही घर में मौजूद चीजों से थायराइड की रोकथाम कर सकते हैं ।

01. अदरक

घर में आमतौर पर मिलने वाली चीजों में से एक अदरक है । इसमें मौजूद गुण जैसे पोटेशियम , मैग्नीशियम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं । अदरक में एंटी सप्लीमेंट्री गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है ।

02. दूध और दही का सेवन

थायराइड की समस्या से ग्रसित लोगों को दूध और दही का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए।  दूध और दही में मौजूद कैल्शियम मिनरल्स और विटामिंस थायराइड से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं ।

03. मुलेठी का सेवन

थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वह जल्दी ही थक जाते हैं ऐसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है । मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथि को संतुलित बनाते हैं थकान को ऊर्जा में बदल देते हैं ।

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04. गेहूं और ज्वार

थायराइड ग्रंथि को बढ़ने से रोकने में गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है गेहूं और ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय हैं । इसके अलावा यह साइनस,  उक्त रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है ।

05. साबुत अनाज

जौ, गेहूं और साबुत अनाज से बने पदार्थों का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं जो थायराइड को बढ़ने से रोकते हैं ।

आइए जाने और भी कई इलाज

06. हल्दी दूध

थायराइड कंट्रोल करने के लिए आप रोजाना दूध में हल्दी को पकाकर पिए अगर हल्दी वाला दूध ना किया जाए तो हल्दी को भूनकर इसका सेवन करें ।

07. लौकी का जूस 

रोजाना सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीने से भी थायराइड खत्म करने में मदद मिलती है । जूस पीने के आधे घंटे तक कुछ खाए पिए नहीं ।

08. लाल प्याज 

प्याज को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले और रात को सोने से पहले मसाज करें  इसके बाद गर्दन से प्याज का रस धोए नहीं ।

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अब बात आती है योग और प्राणायाम से थायराइड के इलाज की 

  • नियमित रूप से योग और प्राणायाम करके काफी हद तक थायराइड को ठीक कर सकते हैं ।
  • योग के अलावा आप मेडिटेशन भी कर सकते हैं ।
  • उज्जाई प्राणायाम , योगासन,  मत्स्यासन, विपरीतकरणी प्राणायाम आदि से आप इस  बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं ।

एक्यूप्रेशर से थायराइड कंट्रोल कैसे करें आइए जाने 

हमारे दोनों  पैरों और हाथों पर शरीर के सभी अंगो के कुछ पॉइंट्स होते हैं,  एक्यूप्रेशर ट्रीटमेंट में  इन पॉइंट्स पर दबाव डालकर इलाज किया जाता है  जिसके लिए  कौन से अंग का बिंदु कहां है और उस पर कैसे दबाव डालना है इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है । थायराइड के इलाज के लिए आपको दोनों पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे उठे हुए भाग पर दबाव देना है |

अगर आप एक्यूप्रेशर से उपचार करना चाहते हैं तो पहले किसी एक्सपर्ट की देखरेख में इसे करना सीखें तभी खुद करें । थाराइड एक हफ्ते या महीने में ठीक होने वाला रोग नहीं है  इसके लिए जरूरी है कि इसके उपचार के लिए आप पूरा परहेज और व्यायाम करें ।

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