दोस्तों काला जीरा यानी के कलौंजी को हम मसाले के रूप में जानते हैं इसका प्रयोग अक्सर खाने में मसाले के रूप में किया जाता है परंतु बहुत कम लोग यह जानते हैं कि कलौंजी का प्रयोग मधुमेह में अत्यंत लाभकारी होता है ।
दोस्तों वैसे तो भारतीय पाककला में जितने भी मसालों का प्रयोग किया जाता है उनका सबका अपना एक अलग महत्वपूर्ण कार्य होता है ऐसा ही एक मसाला है कलौंजी जिसके नाम से हम सभी भली भांति परिचित हैं । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कलौंजी का प्रयोग करने से डायबिटीज के रोकथाम में मदद मिलती है ।
टाइप 2 मधुमेह के रोगियों के लिए कलौंजी का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है यह तो हम सभी भली भांति जानते हैं कि मधुमेह – रोग से हमारे शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। मधुमेह का प्रभाव हमारी किडनी पर कई बार हमारे हृदय पर तथा कई बार हमारे और अंगों पर बहुत ही नकारात्मक पड़ता है कई बार स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है ।
क्योंकि कलौंजी की तासीर अत्यधिक गर्म होती है अतः प्रतिदिन सिर्फ 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी खाने से मधुमेह में विशेष लाभ होता है ।
- कलौंजी पैंक्रियास को उत्तेजित करके अधिक इंसुलिन का निर्माण करवाता है जिससे कि शरीर में मौजूद ग्लूकोज शरीर के सेल द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं।
- कलौंजी में पाया जाने वाला थायमोक्यीनान प्राकृतिक रूप से शरीर में रक्त शर्करा के लेवल को कम करने का कार्य करता है ।
एडवांस्ड ग्लाइकेसन एंड प्रोडक्ट्स जो सीधे तौर पर बहुत सारी डी जनरेटेड बीमारियों का कारण माना जाता है जिसकी वजह से लीवर किडनी आदि को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है कलौंजी के प्रयोग से सीधे सीधे इसके निर्माण में रोक लगती है तथा हमें गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है ।
कलौंजी के प्रतिदिन सेवन से मधुमेह के कारण होने वाले आंखों के रोगों में बहुत अधिक लाभ पहुंचता है ।दोस्तों यह तो हम सभी जानते हैं कि मधुमेह का प्रभाव हमारी आंखों पर बहुत ही नकारात्मक होता है ।मधुमेह होते ही हमारे आंखों की रोशनी कम होने लग जाती है ।
कलौंजी जोकि अत्यधिक गुणों से भरपूर है इसका दैनिक जीवन में उपयोग अवश्य कीजिए यह आपको कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाने में सक्षम है ।
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