जानिए कोरोना वायरस से कैसे करें बचाव – घर को वायरस से निपटने के लिए करें तैयार

जानिए कोरोना वायरस से कैसे करें बचाव: घर को वायरस से निपटने के लिए करें तैयार, बच्चों को दें भरपूर प्यार

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और विशेषज्ञ इसके लिए अगले कुछ महीनों में दवाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। इसी के साथ लोगों को वायरस से निपटने के लिए घर से लेकर, स्कूल-कॉलेज, ऑफिस के साथ साफ-सफाई रखने और सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार सुरक्षा की शुरुआत अपने घर से करें, सबसे पहले अपने घर को वायरस से निपटने के लिए तैयार करें।

बच्चों को सकारात्मक रखें और उन्हें भरपूर प्यार दें। आज से कोरोना से बचाव को लेकर जागरुकता सीरीज शुरू की जा रही है। पहली कड़ी में घर और बच्चों को लेकर रखी जाने वाली सावधानी बता रहे हैं। आगे कार्यस्थल, समूहों व अस्पतालों में बचाव के तरीके बताएंगे।

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घर पर रखें ख्याल, परिजनों से सावधानी पर करें चर्चा

परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों को जीवनशैली से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएं। पड़ोसियों के साथ मिलकर आपातकालीन स्थिति की योजना बनाएं। बीमारी की स्थिति में संपर्क करने वाले लोगों की सूची बनाएं और साथ के लोगों के साथ साझा करें।

मुलाकात से बचें

बीमार लोगों से मिलने पर परहेज करें। यदि खुद बीमार हैं तो डॉक्टर से मिलने के अलावा बाहर निकलने से बचें। खांसी और जुकाम होने पर टिश्यू का इस्तेमाल करें। परिजनों के साथ कम बैठें।

घर की चीजों की रोज करें सफाई

घर पर जिन वस्तुओं का रोजाना इस्तेमाल हो रहा है। उनकी सफाई रोजाना करें। कुर्सी, मेज, लाइट के स्विच, दरवाजे और हत्थे को घर के सभी लोग इस्तेमाल करते हैं, इन्हें रोजाना साफ करें।

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बीस सेकेंड्स तक साफ करें हाथ

पानी और साबुन का इस्तेमाल करते हुए हाथों को बीस सेकेंड्स तक रगड़कर साफ करें। खाने के पहले और बाद, शौचालय के इस्तेमाल के बाद अवश्य साबुन से हाथ धुलें। ऐसे सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें जिसमें 60 प्रतिशत एल्कोहल हो।

बच्चों के लिए सतर्कता, स्कूल प्रबंधन को करें सूचित

यदि बच्चे को खांसी या जुकाम है तो स्कूल के प्रबंधन को सूचित करें। साथ ही बच्चों के लिए घर पर की जाने वाली प्रैक्टिस और अध्ययन की मांग करें।

समूह से दूर रहने को करें प्रेरित

यदि बच्चा स्कूल जा रहा है तो उसे समूह से परहेज करने के लिए कहें। साथ ही एकल खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

अपनों से संपर्क में रहें

खुद व परिजनों से लगातार संपर्क में रहें। मुलाकात न सही तो भी फोन और ईमेल के जरिए उनसे बातचीत करते रहें। बच्चों से स्नेह से बात करें और उन्हें सकारात्मक रहने को प्रेरित करते रहें।

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(स्त्रोत: सीडीसी, रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र)

Posted By: Arun Kumar Singh

Source – Jagran