छठ पूजा एक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे खासतौर से पूर्वी भारत में, विशेषकर बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पूजा सूर्य देव और छठी मइया की आराधना के लिए की जाती है। छठ पूजा का यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें श्रद्धालु सूर्य भगवान को जल अर्पित करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
इस साल, कई लोग यह जानना चाहते हैं कि छठ पूजा का पर्व 7 या 8 नवंबर को मनाया जाएगा। तो चलिए जानते हैं छठ पूजा का सही दिन, नहाय-खाय का समय, और अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त।
1. कब है छठ पूजा? – 7 या 8 नवंबर 2024
- वर्ष 2024 में छठ पूजा का प्रमुख दिन 7 और 8 नवंबर को है।
- 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य (शाम का अर्घ्य) दिया जाएगा।
- 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा का समापन होगा।
2. छठ पूजा के प्रमुख दिन और उनके महत्व
- पहला दिन – नहाय-खाय (5 नवंबर 2024)
- इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) नहाय-खाय की प्रक्रिया से शुरू करते हैं।
- शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखते हुए, व्रती इस दिन शुद्ध जल और सादा भोजन ग्रहण करते हैं।
- दूसरा दिन – खरना (6 नवंबर 2024)
- खरना का दिन बेहद खास होता है।
- इस दिन व्रती निर्जला उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं।
- तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (7 नवंबर 2024)
- इस दिन डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है। यह पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
- चौथा दिन – उगते सूर्य को अर्घ्य (8 नवंबर 2024)
- इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन होता है। इसे सूर्य भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन माना जाता है।
3. शुभ मुहूर्त: कब है नहाय-खाय और अर्घ्य देने का समय
- नहाय-खाय (5 नवंबर 2024):
इस दिन प्रातःकाल पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके भोजन ग्रहण करना होता है। समय का खास ध्यान रखा जाता है। - संध्या अर्घ्य (7 नवंबर 2024):
संध्या अर्घ्य देने का समय शाम को सूर्यास्त के समय होता है, जो लगभग 5:00 बजे से 5:30 बजे तक होगा। इस समय व्रती सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। - उगते सूर्य को अर्घ्य (8 नवंबर 2024):
उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल सूर्योदय के समय होगा, जो लगभग 6:00 बजे से 6:30 बजे तक रहेगा।
4. छठ पूजा के नियम और सावधानियाँ
- व्रती इस दिन पूरी शुद्धता और पवित्रता के साथ पूजा करते हैं।
- पूजा के दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए और नदियों या तालाबों के किनारे पूजा करते समय पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिए।
- प्रसाद में सिर्फ शुद्ध और सात्विक चीजों का ही इस्तेमाल होता है, जैसे कि ठेकुआ, चावल, और दूध।
5. छठ पूजा का महत्व और विशेषता
- छठ पूजा में विशेष रूप से सूर्य देवता को अर्घ्य देने का विधान है क्योंकि उन्हें जीवनदायिनी ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।
- यह पर्व न केवल स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की कामना के लिए मनाया जाता है, बल्कि पारिवारिक सुख-शांति और उन्नति के लिए भी विशेष प्रार्थना की जाती है।
छठ पूजा का पर्व भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। यह पर्व हमें प्रकृति और ऊर्जा स्रोतों के प्रति हमारी आस्था और श्रद्धा को सुदृढ़ करता है। इस पर्व पर सभी भक्तजन अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्य भगवान की आराधना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।