Ram mandir Ayodhya: अयोध्या में रामलला की आरती और दर्शन का समय जारी

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अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से देशभर से भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आरती और दर्शन का समय जारी किया है।

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विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार, श्रीराम लला की श्रृंगार आरती तड़के साढ़े चार बजे, मंगला आरती सुबह साढ़े छह बजे होगी। इसके बाद भक्त सात बजे से दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि भगवान राम की भोग आरती दोपहर बारह बजे होगी। इसके बाद संध्या आरती शाम साढ़े सात बजे, भोग आरती आठ बजे और शयन आरती रात दस बजे होगी।

आरती का समय

  • मंगला आरती: सुबह 4:30 बजे
  • श्रृंगार आरती (उत्थान आरती): सुबह 6:30 बजे
  • भोग आरती: दोपहर 12:00 बजे
  • संध्या आरती: शाम 7:30 बजे
  • रात्रि भोग आरती: रात 9:00 बजे
  • शयन आरती: 
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सावन मास में कढ़ी और दही का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए, इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण जानें।

सावन में कढ़ी क्यों नहीं खानी चाहिए

Sawan Mein Kadhi Kyu Nahi Khate: शिवजी के प्यारे महीने सावन शुरू हो चुके हैं। इस बार सावन दो महीने का होगा क्योंकि अधिकमास है। यह 4 जुलाई से शुरू हुआ है और 31 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन के सोमवारों की संख्या भी अधिक हो गई है। सावन मास में कुछ चीजों का सख्त आहार करने को वर्जित किया गया है।

कढ़ी और दही खाने से बचना चाहिए

सावन में आपको कढ़ी और दही खाने से बचना चाहिए। आयुर्वेद में इस मास में दूध, दही से बनी चीजों जैसे रायता, कढ़ी का सेवन वर्जित किया जाता है। जानिए क्योंकि इसके पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक कारण हैं।

धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन मास में दूध या दही से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इस मास में भगवान शिव को कच्चा दूध अर्पित किया जाता है, → » » Continue Reading

सावन में जल और व्रत करने का क्या है नियम – सावन में जल क्यों चढ़ाया जाता है

सावन में जल क्यों चढ़ाया जाता है

आपने सावन के महीने में शायद देखा होगा कि लोग नदियों, झरनों और मंदिरों में जाकर जल को चढ़ाते हैं। क्या आपने इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की है? चलिए, आपको बताते हैं।

सावन मास: पवित्रता और भक्ति का माह

सावन मास हिन्दू पंचांग में एक पवित्र मास माना जाता है। यह मास भगवान शिव और माता पार्वती के आराधना में विशेष महत्व रखता है। इस मास में श्रद्धालु लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत रखते हैं।

सावन का महीना हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मान्यताओं और परंपराओं के साथ आता है। इस मास में, बहुत सारे लोग गंगा जल को अपने घर लाएँगे और इसे चढ़ाने का व्रत रखेंगे। यहां हम आपको इसके नियमों के बारे में बताएंगे:

1. व्रत रखने का संकल्प

सावन में गंगा जल का व्रत रखने से पहले, आपको एक संकल्प लेना होगा। इसमें आपको सावन मास में गंगा जल को चढ़ाने → » » Continue Reading

Ganesh Chaturthi 2022: इन 3 राशि के लोगों पर हमेशा बनी रहती है भगवान गणेश की कृपा

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 31 अगस्त से गणेशोत्सव आरंभ होने वाले हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतु्र्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है।

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  • मकर राशि- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिन जातकों की राशि मकर होती है उन पर हमेशा भगवान गणेश की विशेष कृपा बनी रहती है।
  • मेष राशि- मेष राशि के जातकों पर भगवान गणेश की विशेष कृ्पा और आशीर्वाद बना रहता है। मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह होते हैं।
  • मिथुन राशि- मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध होते हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह व्यापार, गणित, तर्क, संवाद और बुद्धि के कारक माने जाते हैं।
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इस मंदिर में गोमुख से होता है शिवलिंग का अभिषेक – Lord Shiva Will Be Anointed With The Ganges Water Of Gomukh

गुप्तेश्वर महादेव

दोस्तों भारत में अनेकों ऐसे शिव मंदिर हैं जो अपनी Oldest heritage और चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। उसी तरह का एक शिव मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर district से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर देव गुराड़िया village में स्थित है। इस मंदिर को गुप्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।→ » » Continue Reading

इस गुफा में बताया जाता है शिवजी का वास – अन्दर जाने वाला लौट के नही आता

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भारत में जब कभी भी चमत्कारों की बात कहीं जाती है। तब especially मंदिरों के नाम लिए जाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी गुफा के बारे में बताएंगे। जिसमें Recognition है कि स्वयं भगवान शिव इस गुफा में रहते हैं और इस गुफा में जाने वाला व्यक्ति कभी वापस लौटकर नहीं आता है।→ » » Continue Reading